हस्ताक्षर : जीवन का चरित्र दर्पण


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हस्ताक्षर हमारे व्यवहार और समग्र जीवन का चरित्र दर्पण है। व्यक्ति के हस्ताक्षर को देखकर जीवन के प्रति उसकी सोच और दूसरों के प्रति उसके व्यवहार का अनुमान लगाया जा सकता है। इस विज्ञान के सिद्धांत को समझने के लिए हस्ताक्षर के मूल को समझना होगा।

यह सामान्य सी बात है कि आपके हस्ताक्षर आपकी उपस्थिति को प्रकट करते हैं। हस्ताक्षर का महत्व निर्विवाद है। व्यक्ति के हस्ताक्षर ही उसके पूर्ण विश्वास और चरित्र को प्रकट करते हैं। इससे व्यक्ति की मूल सोच और तत्व हस्ताक्षर में ही निहित हो जाते हैं।

हस्ताक्षर व्यक्ति की मनःस्थिति को प्रकट करता है, अतः जब कोई अपने हस्ताक्षर करते वक्त न तो हिचकिचाए और न ही अन्य कुछ सोचे तब उसे ही दृढ़ हस्ताक्षर माना जाता है जो कि अध्ययन की दृष्टि से उचित होता है।

वे लोग जो हस्ताक्षर को संतुलित रखते हों, यानी सभी अक्षर एक ही आकार के रखते हों चाहे उन्होंने अपने हस्ताक्षरों का संक्षिप्तीकरण ही क्यों न कर दिया हो प्रायः अत्यंत व्यवहारकुशल होते हैं। ये अपने कार्यों पर दृढ़ रहते हैं। ऐसे व्यक्ति जो भी निर्णय लेते हैं, वह स्वतंत्होता है।

उत्तरोत्तर उस पर कायम रहने की असीम इच्छाशक्ति भी इनमें पाई जाती है। इनका व्यक्तित्व प्रबल और आकर्षक होता है। बरबस ही लोग इनके विचारों से प्रभावित होते हैं।

किसी भी हस्ताक्षर के संबंध में यह आवश्यक है कि हस्ताक्षर बिना रुके होना चाहिए। अर्थात हस्ताक्षर पूर्ण गति में बिना कलम रोके हों, ऐसा हस्ताक्षर सबसे अच्छा हस्ताक्षर माना जाता है। लेकिन यह हस्ताक्षर तभी संभव है, जब हस्ताक्षर मात्र किसी चिह्न के रूप में हो या फिर किसी ऐसी भाषा में जिसमें मात्राएँ भी अक्षर रूप में हों।

भारतीय भाषाओं में बिखरे अक्षरों से निर्मित हस्ताक्षर अच्छे समझे जाते हैं। ऐसे हस्ताक्षरों से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि व्यक्ति शालीन व उच्च महत्वाकांक्षी है। यदि ऐसे हस्ताक्षरों से नाम भी स्पष्ट हो तो कहा जा सकता है, कि ऐसे हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति एकनिष्ठ व समयागामी होते हैं तथा अपने लाभ के प्रति पूर्णतः सचेत रहते हैं।

भारत में ऐसे हस्ताक्षर अधिकांशतः राजनेताओं के होते हैं। यदि हस्ताक्षर स्वतः ही पूर्णतः नाम स्पष्ट करते हों, सभी अक्षर एक-दूसरे से जुड़े हों तो व्यक्ति दबंग किस्म का तथा बेहद चालाक होता है। ऐसा व्यक्ति किसीभी समय कुछ भी कर सकता है। 

Comments

  1. कल 06/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  2. बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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